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राहुल भाटिया की पहली कथेतर किताब 'द आइडेंटिटी प्रोजेक्ट – द अनमेकिंग ऑफ़ अ डेमोक्रेसी'

वेस्टलैंड बुक्स और कॉन्टेक्स्ट द्वारा प्रस्तुत है राहुल भाटिया की पहली कथेतर किताब 'द आइडेंटिटी प्रोजेक्ट – द अनमेकिंग ऑफ़ अ डेमोक्रेसी' नेशनल: वेस्टलैंड बुक्स ने आज घोषणा की कि उनके द्वारा राहुल भाटिया की पहली कथेतर किताब द आइडेंटिटी प्रोजेक्ट: द अनमेकिंग ऑफ़ अ डेमोक्रेसी को प्रकाशित किया गया है। इस किताब का अंतर्राष्ट्रीय संस्करण द न्यू इंडिया: द अनमेकिंग ऑफ़ द वर्ल्डस लार्जेस्ट डेमोक्रेसी के नाम से यूके में प्रकाशित किया गया और आने वाले समय में अमेरिका में भी प्रकाशित किया जाएगा। यूके में प्रशंसा पाने वाली द आइडेंटिटी प्रोजेक्ट में इस बात पर विचार किया गया है कि कैसे पहचान को लेकर राष्ट्रवादी विचार ने नागरिक असंतोष फैलाया और कैसे गत सौ से भी अधिक वर्षों में भारतीय राजनीति को आकार दिया है। राहुल भाटिया को कथात्मक नॉन-फिक्शन लिखने में सात साल लगे। यह किताब इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे धर्म और संसाधनों से संबंधित असुरक्षाओं ने भारत में समय के साथ पहचान की राजनीति को आकार दिया है और यह कैसे दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम में परिणत हुआ। आलोचनात्मक रूप से यह सूचना देने वाली किताब इस बात पर से पर्दा उठती है कि आधार परियोजना दक्षिणपंथियों की पहचान की राजनीति की एक शाखा है। एक ऐसी किताब जो अतीत और वर्तमान को यह दर्शाने के लिए बुनती है कि किस तरह अतीत हमारे दैनिक जीवन में और न्याय, इतिहास और कानून की हमारी धारणाओं में मौजूद है, इस किताब में आइडेंटिटी प्रोजेक्ट को “टूर दे फोर्स” और “द मोस्ट इम्पॉर्टेंट बुक ऑन इंडिया फॉर मैनी इयर्स” कहा गया है। यह किताब आधुनिक भारत पर एक अन्वेषण है, और उतार-चढ़ाव वाले दौर का एक दस्तावेज़ है क्योंकि यह कई सौ गवाहों की आवाज़ बनी है और पाठकों को बंटवारे के दौरान की पुलिस और इंटेलिजेंस रिपोर्टों, सरकारी तंत्रों, निजी पत्र-व्यवहारों, डायरी एंट्रियों, वार्तालापों, और चार महाद्वीपों के चकित करने वाले सूत्रों के ज़रिए इतिहास की गहराइयों में ले जाती है।
अरुंधती रॉय और जेम्स क्रैबट्री, दोनों ने ही इस किताब की प्रशंसा करते हुए इसे “मेटिकुलसली रिसर्च्ड” और “द मोस्ट इम्पॉर्टेंट बुक ऑन इंडिया फॉर मैनी इयर्स” बताया, जबकि समंथ सुब्रमण्यन ने इसे “वन ऑफ़ द डिफाइनिंग बुक्स ऑफ़ द मोदी एरा” घोषित कर दिया है। अपनी किताब के लोकार्पण के दौरान लेखक और पत्रकार राहुल भाटिया कहते हैं, “वेस्टलैंड उच्च गुणवत्ता वाला कथेतर प्रकाशित करने में अग्रणी है, और इसके संपादक बेहतरीन संपादकों में से हैं। और इसलिए द न्यू इंडिया, एक कथात्मक रिपोर्ताज जिसमें इतिहास, शोध, और संस्मरण को जोड़कर आधुनिक भारत की कहानी बताई गई है, लिखते समय मैं चाहता था कि यह किताब भी उन किताबों और लेखकों की तरह वेस्टलैंड बुक्स से प्रकाशित हो जिनकी मैं सराहना करता हूं। मैं बहुत ख़ुश हूं कि ऐसा ही हुआ।” कार्तिका वीके, प्रकाशक वेस्टलैंड बुक्स ने कहा, “भारतीय राजनीति के इस अहम मोड़ पर उससे जुड़े विभिन्न पक्षों पर रोशनी डालने वाली किताब का प्रकाशन करके हमें बेहद खुशी है।"

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