*एचडीएफसी लाइफ ने वर्ल्ड हार्ट डे पर 'द मिसिंग बीट' लॉन्च की*
September 29, 2024
0
*एचडीएफसी लाइफ ने वर्ल्ड हार्ट डे पर 'द मिसिंग बीट' लॉन्च की*
मुंबई, 28 सितंबर 2024: भारत के प्रमुख बीमाकर्ताओं में से एक, एचडीएफसी लाइफ, ने लोगों की भलाई के लिए "द मिसिंग बीट" नामक पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य लोगों को जीवनरक्षक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) तकनीक के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
भारत में दिल का दौरा (कार्डियक अरेस्ट) मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। हालांकि, कई लोग आपात स्थिति में किसी की मदद करना चाहते हैं, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण अक्सर परिवार के सदस्य, दोस्त, और राहगीर यह नहीं समझ पाते कि ऐसी स्थिति में दिल का दौरा पड़ने वाले व्यक्ति की सही तरीके से कैसे मदद करें।
जब दिल धड़कना बंद कर देता है या शरीर के महत्वपूर्ण अंगों तक खून नहीं पहुंच पाता, तब सीपीआर देना किसी की जान बचाने का बहुत जरूरी कदम हो सकता है। दिल के दौरे या पानी में डूबने जैसी आपात स्थितियों में भी सीपीआर देकर किसी की जिंदगी बचाई जा सकती है।
हालांकि, सीपीआर की जिंदगी बचाने की क्षमता के बावजूद, भारत में 2% से भी कम लोग इसके बारे में जानते हैं। सीपीआर जिंदगी और मौत के बीच बड़ा फर्क ला सकता है और किसी की जान बचा सकता है। इसी कमी को देखते हुए एचडीएफसी लाइफ ने 'द मिसिंग बीट' कैंपेन शुरू किया। इस अभियान की शुरुआत वर्ल्ड हार्ट डे पर की गई है।
इस कैंपेन का एक अहम हिस्सा भावनात्मक लघु फिल्म है, जिसे लोगों को दिखाया जा रहा है। इस फिल्म में चार लोगों की भावुक यात्रा को दिखाया गया है, जहां उनके सपने, रिश्ते और कमजोरियां सामने आती हैं। हर कहानी इस बात पर जोर देती है कि सीपीआर के लिए तैयार रहना कितना महत्वपूर्ण है, खासकर जब किसी की जान बचाने का मौका हो। यह फिल्म दिल के दौरे जैसी आपात स्थिति में सीपीआर की जीवनरक्षक क्षमता को दिखाती है। एचडीएफसी लाइफ इस फिल्म के जरिए लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ना चाहता है और उन्हें यह संदेश देना चाहता है कि मुश्किल हालात में सीपीआर देना किसी की जान बचाने में मददगार हो सकता है।
फिल्म देखने के लिए यहां क्लिक करें।
एचडीएफसी लाइफ के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर और ग्रुप हेड स्ट्रैटेजी विशाल सभरवाल ने कैंपेन के बारे में बताते हुए कहा, "एचडीएफसी लाइफ में हम मानते हैं कि गरिमा और सम्मान सिर्फ आर्थिक स्वतंत्रता से नहीं, बल्कि ज़रूरी मौकों पर दूसरों की मदद करने की क्षमता से भी आता है। यह अभियान सिर्फ जागरूकता बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों को प्रेरित करने के लिए है। हम चाहते हैं कि हर भारतीय नागरिक सीपीआर के लिए तैयार हो और पहला कदम उठाए। सही जानकारी और तैयारी के साथ हम लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं और सचमुच हमारे 'सर उठा के जियो' के जज्बे को साकार कर सकते हैं।"
एलएस डिजिटल में एलएस क्रिएटिव के प्रबंध निदेशक और मुख्य क्रिएटिव ऑफिसर मनेश स्वामी ने कहा, "यह उन दुर्लभ मौकों में से एक है, जब विज्ञापनदाता और क्रिएटिव व्यक्ति मिलकर ऐसा काम करते हैं, जो लोगों की जिंदगियों पर गहरा असर डालता है। पिछले कुछ सालों से, हम समाचारों, इंटरनेट, और यहां तक कि अपने दोस्तों और परिवार में अचानक दिल का दौरा पड़ने की भयानक कहानियां सुनते आ रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि 'द मिसिंग बीट' सिर्फ एक कैंपेन न होकर, एक आंदोलन बने। यह कार्रवाई के लिए एक बड़ा आह्वान है। हम लोगों को याद दिलाना चाहते हैं कि सीपीआर की जानकारी से हम किसी की जान बचा सकते हैं, उसकी मौत को रोक सकते हैं, और उसे नया जीवन दे सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने का सफर हमारी टीम के लिए बहुत ही व्यक्तिगत था। हम इस कैंपेन के लिए एक साल से ज्यादा समय से रिसर्च कर रहे थे, और जो आंकड़े सामने आए, वे वाकई चिंताजनक थे। हमें महसूस हुआ कि इस दिशा में तुरंत कुछ किया जाना चाहिए। हम चाहते थे कि लोग सिर्फ फिल्म न देखें, बल्कि सीपीआर की जरूरत और महत्व को समझें और इसे महसूस करें। फिल्म का हर शॉट और कहानी असली घटनाओं से प्रेरित थी, ताकि लोग उससे भावनात्मक रूप से जुड़ सकें और स्थिति की गंभीरता को समझें। हमें उम्मीद है कि हम देश के लोगों को इस साधारण, लेकिन जीवन बचाने वाले कौशल की अहमियत को समझाने और उन्हें सीपीआर देने के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित कर पाएंगे। हम सिर्फ कहानियां शेयर नहीं कर रहे हैं, हम लोगों को ऐसे हालात में कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, जहां कोई मदद के बिना असहाय महसूस कर रहा हो।"
वित्त वर्ष 2024 में, एचडीएफसी लाइफ ने 6.6 करोड़ लोगों के जीवन का बीमा किया। कंपनी ने व्यक्तिगत दावों के लिए 99.5% क्लेम सेटलमेंट रेशियो हासिल किया है, जो पॉलिसीधारकों और उनके परिवारों के लिए कंपनी की मजबूत प्रतिबद्धता दिखाता है।