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मैकेफी (McAfee) ने ऑनलाइन स्‍कैम के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले भारतीय सेलिब्रिटी नामों का खुलासा किया

मैकेफी (McAfee) ने ऑनलाइन स्‍कैम के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले भारतीय सेलिब्रिटी नामों का खुलासा किया • ऑरी (ओरहान अवत्रामणि) इस सूची में सबसे ऊपर हैं, उसके बाद दिलजीत दोसांझ और आलिया भट्ट का नाम आता है। ये वो भारतीय सेलिब्रिटीज हैं जिनके नाम साइबर अपराधियों द्वारा सबसे ज्यादा ऑनलाइन स्‍कैम्‍स के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। • मैकेफी (McAfee’s) "सेलिब्रिटी हैकर हॉटलिस्ट" स्टडी पिछले १६ सालों से ये दिखाती है कि कौन से सेलिब्रिटी सर्च सबसे ज्यादा जोखिमपूर्ण साइटों और मालवेयर से जुड़े होते हैं। • जनरेटिव एआई और डीपफेक के आ जाने से, साइबर अपराधियों के लिए नकली क्लिप और वीडियो बनाना बहुत आसान हो गया है, जिनसे वो लोगों के साथ स्‍कैम कर सकते हैं और सेलिब्रिटी की ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। भारत, 8 अक्टूबर 2024 – ग्लोबल ऑनलाइन सुरक्षा कंपनी मैक्एफ़ी (McAfee) ने आज अपनी सालाना ‘सेलिब्रिटी हैकर हॉट लिस्ट २०२४’ जारी की, जिसमें उन भारतीय हस्तियों के नाम शामिल हैं जिनके नाम से इंटरनेट पर सबसे ज्यादा “सबसे जोखिम भरे” सर्च रिजल्ट मिलते हैं। इस साल के नतीजे बताते हैं कि जितनी ज्यादा कोई सेलिब्रिटी पॉपुलर या वायरल होता है, साइबर अपराधियों के लिए उसका नाम उतना ही आकर्षक बन जाता है। ठग लोग इन सेलिब्रिटीज की लोकप्रियता का इस्तेमाल कर फर्जी साइट्स और स्कैम्स के जरिए लोगों को निशाना बनाते हैं। ये स्कैम्स आमतौर पर डेटा चोरी, वित्तीय नुकसान और निजी जानकारी के लीक होने का कारण बनते हैं। भारत के लिए बनाई गई इस सूची में सबसे ऊपर ओरहान अवत्रामणि हैं, जिन्हें ऑरी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी अचानक बढ़ती लोकप्रियता और हाई-प्रोफाइल हस्तियों से जुड़ाव ने उन्हें साइबर अपराधियों के लिए आकर्षक बना दिया है। इससे पता चलता है कि साइबर अपराधी कैसे नए या उभरते सितारों की अपुष्ट सूचनाओं का फायदा उठाकर लोगों को फंसाते हैं, जो उनके बारे में अपडेट्स खोज रहे होते हैं। इस सूची में दूसरे नंबर पर गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ का नाम आता है। उनके आने वाले 'दिल-लुमिनाटी' कॉन्सर्ट टूर में टिकट स्कैम की परेशानी देखी गई है। बड़े आयोजनों में प्रशंसकों की भारी दिलचस्पी और ज्यादा सर्च करने की वजह से स्कैम साइट्स, नकली टिकट, छूट या री-सेल स्कीम्स और फ़िशिंग स्कैम होते हैं। जनरेटिव एआई और डीपफेक्‍स के बढ़ने से साइबर सुरक्षा और मुश्किल हो गई है। इसके कारण कई मशहूर हस्तियों को गलत जानकारी का शिकार बनाया जा रहा है। अभिनेत्री आलिया भट्ट कई डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुकी हैं, जबकि रणवीर सिंह और आमिर खान को चुनाव से जुड़े नकली वीडियो में गलत तरीके से राजनीतिक दलों का समर्थन करते हुए दिखाया गया है। विराट कोहली और शाहरुख खान जैसे सितारों को भी सट्टेबाजी ऐप्स के नकली वीडियो में दिखाया गया है। स्कैमर्स एआई का इस्तेमाल करके नकली लिंक, भ्रामक मैसेज, और फर्जी इमेज-वीडियो के जरिए लोगों को फंसाते हैं। इससे वित्तीय नुकसान होता है और मशहूर हस्तियों की छवि और लोगों का भरोसा खराब होता है। मैक्एफ़ी (McAfee) के (ई.म.ई.ए.) EMEA के प्रमुख, वॉनी गैमॅट ने कहा, “आजकल लोगों को नकली लिंक पर क्लिक कर फंसाना बहुत आसान हो गया है। उन्हें तरह-तरह के लालच दिए जाते हैं, जैसे फ्री टिकट या डाउनलोड का वादा, और अगर इसमें उनके पसंदीदा सेलेब्रिटी का नाम जुड़ा हो तो यह और भी आसान हो जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके पसंदीदा सेलेब्रिटी किसी ऐसे विज्ञापन में दिख सकते हैं जिसे उन्होंने कभी नहीं किया, या कोई राजनेता ऐसा भाषण देते दिख सकते हैं जो उन्होंने कभी नहीं दिया? यह आज की हकीकत है। एआई का उपयोग करके बनाए गए डीपफेक्स में चेहरों, आवाज और हाव-भाव में बदलाव किया जाता है। कुछ डीपफेक्स मज़े के लिए होते हैं, जिनसे कोई नुकसान नहीं होता, लेकिन कुछ का उपयोग गलत जानकारी फैलाने, चुनावों को प्रभावित करने, या किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए भी किया जा सकता है। अगर कुछ बहुत अच्छा लगे, तो उस पर बिना जांच किए भरोसा न करें। किसी भी वीडियो पर विश्वास करने से पहले उसे जांच लें। खुद को और अपने प्रियजनों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।” भारत की मैकेफी हैकर सेलिब्रिटी हॉट लिस्ट में शामिल टॉप दस नाम टॉप टेन की सूची, जिसमें लंबे समय से प्रतिभावान और हाल ही में प्रसिद्ध नाम शामिल हैं, इस प्रकार है: 1. ऑरी (ओरहान अवत्रामणि) 2. दिलजीत दोसांझ 3. आलिया भट्ट 4. रणवीर सिंह 5. विराट कोहली 6. सचिन तेंदुलकर 7. शाहरुख खान 8. दीपिका पादुकोण 9. आमिर खान 10. महेंद्र सिंह धोनी इस साल की शुरुआत में मैकेफी (McAfee) द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चला कि ८० % भारतीय अब डीपफेक्‍स को लेकर एक साल पहले से ज्यादा चिंतित हैं। ६४% लोगों ने माना कि एआई के कारण ऑनलाइन स्‍कैम्‍स को पहचानना मुश्किल हो गया है। ७५% भारतीयों ने डीपफेक कंटेंट देखा है, ३८% लोगों ने डीपफेक स्‍कैम का सामना किया है, और १८% लोग इसका शिकार भी हो चुके हैं। डीपफेक स्‍कैम्‍स से प्रभावित ५७% लोगों ने किसी सेलिब्रिटी के वीडियो या तस्वीर को असली समझ लिया, जिससे ३१% को वित्तीय नुकसान हुआ। जो लोग वॉयस क्लोनिंग या अन्य डीपफेक/ एआई स्‍कैम्‍स का शिकार हुए, उनमें से ६४% ने पैसे गंवाए, ४३% ने ४० हज़ार रूपए से ज्यादा और १०% ने ८ लाख रूपए से ज्यादा का नुकसान उठाया। मैकेफी (McAfee’s) सेलिब्रिटी हैकर हॉट लिस्ट उपभोक्ताओं को यह याद दिलाने के लिए एक अच्छा जरिया है कि एआई स्कैम्‍स और डीपफेक कैसे काम करते हैं और वे खुद को ऑनलाइन खतरों से कैसे बचा सकते हैं। मैकेफी (McAfee’s) थ्रेट रिसर्च लैब्स टीम ने उन सेलिब्रिटी हैकर हॉट लिस्‍ट की पहचान की है, जिनका नाम साइबर अपराधी सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, और इसी आधार पर यह हॉट लिस्ट बनाई गई है। ये स्कैम्‍स अक्सर खतरनाक सर्च रिजल्ट दिखाते हैं, जो लोगों को अनजाने में मैलवेयर इंस्टॉल करने और उनकी निजी जानकारी, डेटा और पहचान को जोखिम में डालने के लिए उकसाते हैं। उपभोक्ता इन सरल सुझावों का पालन करके ऑनलाइन सुरक्षित रह सकते हैं और सावधानी से अपनी भूमिका निभा सकते हैं: • जो भी लिंक आप क्लिक करते हैं, उसमें सावधानी बरतें। चाहे आप कॉन्सर्ट टिकट खोज रहे हों, अपने पसंदीदा सेलिब्रिटी की खबरें पढ़ रहे हों, या मूवी रिव्यू देख रहे हों, हमेशा सतर्क रहें और केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स के लिंक पर ही क्लिक करें। • अवैध स्ट्रीमिंग और संदिग्ध फ़ाइलें डाउनलोड करने से बचें। अगर आप नए गाने सुनना चाहते हैं या लेटेस्ट फिल्म देखना चाहते हैं, तो सिर्फ वैध स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें, भले ही इसके लिए पैसे देने पड़ें। कई बार अवैध डाउनलोड्स में मैलवेयर और एडवेयर छिपा होता है। • केवल भरोसेमंद वेबसाइट्स से ही वीडियो डाउनलोड करें। किसी भी ऐसी साइट से कुछ भी डाउनलोड न करें जिस पर आपको भरोसा न हो, खासकर वीडियो। अगर आपको कोई संदिग्ध लिंक दिखे, भले ही वह आपके पसंदीदा सेलिब्रिटी से जुड़ा हो, तो उससे बचें। हमेशा प्रतिष्ठित साइट्स से ही डाउनलोड करें। • "लॉग इन" न करें या अपनी जानकारी न दें। अगर आपको कोई मैसेज, टेक्स्ट या ईमेल मिलता है, या किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट पर जाते हैं, जो किसी खास स्टोरी को पढ़ने के लिए आपसे क्रेडिट कार्ड, ईमेल, घर का पता या सोशल मीडिया लॉगिन जैसी जानकारी मांगता है, तो सतर्क हो जाएं। इस तरह की जानकारी कभी न दें। यह फ़िशिंग स्कैम हो सकता है, जिससे आपकी पहचान चोरी हो सकती है। • ऑनलाइन सुरक्षा में निवेश करें, जैसे McAfee® टोटल प्रोटेक्शन। ऐसा प्रोडक्ट चुनें जो आपकी पहचान, गोपनीयता और डिवाइस की सुरक्षा करता हो। ये प्रोडक्ट संदिग्ध लिंक और साइटों से बचने में आपकी मदद करेंगे, खासकर वे जो सेलिब्रिटी से जुड़ी खबरें देने का दावा करते हैं। इससे आप और आपका परिवार ऑनलाइन सुरक्षित रहेंगे, और आप ज्यादा आत्मविश्वास से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे। • सोशल मीडिया पर ध्यान रखें। सोशल मीडिया दोस्तों और परिवार से जुड़े रहने का अच्छा जरिया है, लेकिन यह स्कैम्स का आसान शिकार भी बन सकता है। ७९% सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि फेक न्यूज और स्कैम जैसी एआई-जनरेटेड कॉन्टेंट को पहचानना मुश्किल होता है। इसलिए किसी भी चौंकाने वाले या संदिग्ध दावे को शेयर करने से पहले हमेशा उसकी जांच करें। यहां तक कि किसी पोस्ट पर कमेंट करना या लिंक पर क्लिक करना भी आपको स्कैम्स और गलत जानकारी का शिकार बना सकता है। • डीपफेक्‍स से सावधान रहें। एआई की मदद से नकली वीडियो या इमेज बनाना अब आसान हो गया है, और इनका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। नकली वीडियो या तस्वीरें पहचानने के लिए छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दें, जैसे कि क्या वीडियो में पलकें असामान्य रूप से झपक रही हैं, आंखें अजीब तरह से हिल रही हैं, या हाथ और दांत अजीब दिख रहे हैं। अगर ऑडियो बोलने वाले के होठों के साथ ठीक से मेल नहीं खा रहा या आवाज की गुणवत्ता खराब है, तो ये संकेत हो सकते हैं कि वीडियो या इमेज नकली है। प्रक्रिया यह स्टडी मैकेफी® (McAfee®) थ्रेट इंटेलिजेंस रिसर्चर्स ने यह जानने के लिए की थी कि सेलिब्रिटी के नाम के साथ किए गए सर्च में कितनी जोखिमभरी साइट्स और भ्रामक सामग्री आती है। हर सेलिब्रिटी के लिए एक जोखिम स्कोर तैयार किया गया। मैकेफी (McAfee’s) वेबएडवाइजर ब्राउज़र एक्सटेंशन यूजर्स को खतरनाक वेबसाइटों से बचाने में मदद करता है। यह एक्सटेंशन इंटरनेट पर लगभग हर वेबसाइट को रेट करता है और सुरक्षा के हिसाब से लाल, पीले और हरे रंग के आइकन दिखाता है। अगर यूजर किसी खतरनाक या संदिग्ध URL लिंक पर क्लिक करता है, तो यह एक्सटेंशन चेतावनी देता है या उस वेबसाइट को ब्लॉक कर देता है। यह रेटिंग ऑटोमेटेड तकनीक से बनाई जाती है और यह क्रोम, एज, सफारी और फ़ायरफ़ॉक्स ब्राउजर्स पर काम करती है।

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